दादी सुबह ठाकुरजी की पूजा करते समय भजन गाती थीं, जो मेरे मन को बहुत भाते थे। धीरे-धीरे मेरा मन भजनों में रमने लग गया। एकबारगी तो लगा जैसे सपना बिखर गए हों, लेकिन पति ने हाथ थामा तो जिंदगी फिर से सपनों की पटरी पर दौड़ पड़ी।


भरतपुर। यूं तो घर में गायकी का माहौल नहीं था, लेकिन भक्ति भाव असीम था। दादी सुबह ठाकुरजी की पूजा करते समय भजन गाती थीं, जो मेरे मन को बहुत भाते थे। धीरे-धीरे मेरा मन भजनों में रमने लग गया, लेकिन यह राह कतई आसान नहीं थी। दसवीं कक्षा की पढ़ाई के बाद मेरी शादी हो गई। एकबारगी तो लगा जैसे सपना बिखर गए हों, लेकिन पति ने हाथ थामा तो जिंदगी फिर से सपनों की पटरी पर दौड़ पड़ी। यह कहना है शहर की आदर्श नगर कॉलोनी निवासी मीनाक्षी शर्मा का। मीनाक्षी देवी माता के जागरण एवं श्याम बाबा के दरबार में भजन गाती हैं।
मीनाक्षी कहती हैं कि सपने मन में दबे थे, जो मुझे हमेशा विचलित करते थे। मैंने यह बात मेरे पति तुलसीराम शर्मा को बताई। पति ने शादी के बाद मुझे पढ़ाया और मैंने एमए की डिग्री हासिल की। स्टेज पर गाने की हसरत उनसे बयां की तो वह झट से मान गए और उन्होंने पूरा सपोर्ट किया। इसके बाद मैंने सुरताल कला केन्द्र में अमित सर के यहां भजन गायकी शुरू की। परिवार के तालमेल और बच्चों की देखभाल के बीच यह थोड़ा मुश्किल था, लेकिन मन में लगन थी, सो सब कुछ संभव हो गया। यहां से मैंने माइक पकडऩा सीखा। इसके बाद मंच मिलने लगे तो फिर पीछे मुडकऱ नहीं देखा। मीनाक्षी कहती हैं कि कहावत है कि हर आदमी की तरक्की के पीछे औरत का हाथ होता है, लेकिन मैं कहती हूं कि मेरी तरक्की के पीछे मेरे पति का हाथ है। अब मीनाक्षी लखन गामा गोपालगढ़ के यहां से संगीत की विधा सीख रही हैं। पिछले दो साल के दौरान मीनाक्षी मथुरा, आगरा, दौसा, बयाना, लखनऊ एवं कानपुर में गायकी का लोहा मनवा चुकी हैं। उन्हें उज्जैन से बुलावा मिला है।

श्याम दरबार में गाया पहला भजन
मीनाक्षी शर्मा ने गांधी पार्क के पास स्थित श्याम बाबा के मंदिर में अपना पहला भजन गाया। इसके लिए मंदिर के महंत रोहित महाराज ने उन्हें खूब सपोर्ट किया। इसके बाद मीनाक्षी को आगे की राह मिलती चली गई। वह दानी मंदिर से पुरस्कृत भी हो चुकी हैं। वह कहती हैं कि मेरी तरक्की में इस मंदिर और यहां से जुड़े लोगों का हाथ है। मीनाक्षी ने कहा कि यह अभी मेरा शुरुआती दौर है। अभी बहुत आगे जाना है।
हर दिन करती हैं रियाज
मीनाक्षी बताती हैं कि वह हर सुबह घर पर दो घंटे रियाज करती हैं। शुरुआत में यह थोड़ा कठिन था, लेकिन अब यह आदत बन चुकी है और परिवार ने भी इसे अपना लिया है। साथ ही तीन घंटे संगीत की क्लास भी लेती हैं। वह संगीत की पढ़ाई भी कर रही हैं। मीनाक्षी कहती हैं कि पति ने मेरा कभी साथ नहीं छोड़ा। वह हर कार्यक्रम में मेरे साथ जाते हैं और मेरी गायकी में कमियां ढूंढ़ते हैं। इसके बाद उनमें सुधार के लिए कहते हैं। यही वजह है कि धीरे-धीरे मेरी गायकी में निखार आ रहा है।